एविएशन इंडस्ट्री में कई तरह की नौकरियां होती हैं. कुछ लोग पायलट, एयर होस्टेस या फ्लाइट स्टीवर्ड के तौर पर हवाई जहाज में अपनी सेवाएं देते हैं.
तो वहीं कुछ एयरपोर्ट ग्राउंड स्टाफ के तौर पर एंप्लॉयड होते हैं. यह इंडस्ट्री काफी ग्लैमरस मानी जाती है और उन्हें देश-दुनिया में घूमने का मौका भी मिलता है.
आपको बता दें कि एयर इंडिया वर्सेज नर्गेस मीर्ज़ा केस में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे नियमों को संवैधानिक नहीं माना था और इसे कई अधिकारों का उल्लंघन माना था.
वहीं, प्रेग्नेंसी में हेल्थ से जुड़े कारणों की वजह से कई एयरलाइंस उन्हें फ्लाइट में ड्यूटी नहीं देती है और उन्हें ग्राउंड सर्विस में लगाया जाता है.
भारत में सिविल एविएशन डायरेक्ट्रेट के नियम के मुताबिक प्रेग्नेंसी में एयरहोस्टेस को 6 महीने की प्रेग्नेंसी लीव भी दी जाती है.