रूस और अमेरिका के बीच प्रतिद्वंद्विता कोई नई बात नहीं है. दोनों अक्सर कई मुद्दों पर आमने-सामने आ जाते हैं. ऐसी ही एक बात और हो गई है, जो दोनों देशों के बीच के तनाव को बढ़ाने का काम कर सकती है.
दरअसल अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे बेतुका बताते हुए रूस ने इस पर वीटो कर दिया है. यानी इसके खिलाफ मतदान किया है.
यह प्रस्ताव अमेरिका और जापान की ओर से लाया गया था. प्रस्ताव में सभी देशों से बाहरी अंतरिक्ष में खतरनाक परमाणु हथियारों की होड़ को रोकने का मांग की गई थी.
प्रस्ताव में परमाणु हथियारों की होड़ को लेकर कहा गया है कि ऐसे सभी हथियारों को प्रतिबंधित किया जाए, जो सामूहिक विनाश का कारण बने. अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती 1967 के अंतरराष्ट्रीय संधि के अंतर्गत प्रतिबंधित है.
15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 13 देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि रूस ने इसका विरोध किया, वहीं चीन ने मतदान से दूरी बनाई.
रूस ने प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि यह प्रस्ताव अंतरिक्ष में सभी प्रकार के हथियारों पर प्रतिबंध लगाने में सक्षम नहीं है.
UN में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती की रूस की कोई मंशा नहीं है, लेकिन उनके द्वारा वीटो किया जाना सवाल उठाता है कि वह कुछ न कुछ छिपा रहे हैं.
ह्वाइट हाउस ने फरवरी में इस बात की पुष्टि की थी रूस ने उपग्रह रोधी हथियार क्षमता हासिल कर ली है, हालांकि ऐसा कोई हथियार अब तक प्रयोग में नहीं लाया गया है.
पुतिन ने बाद में इस बात की घोषणा की थी कि रूस का अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने दावा किया था कि रूस ने केवल अमेरिका के समान अंतरिक्ष क्षमताएं विकसित की हैं.