क्या है वजह? मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, यह घटना "एक्सट्राट्रॉपिकल स्टॉर्म" यानी असामान्य तूफान का परिणाम है, जिसे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से जोड़ा जा रहा है.
ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि धरती इस दौरान अपनी धुरी 22 से 24.5 डिग्री तक झ़ुक जाएगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सहारा जैसी जगह पर इतनी बारिश की घटना दशकों में नहीं देखी गई है.
मौसम विभाग ने इस बारिश को एक्सट्रा टेरिटोरियल तूफान बताया है, जिसका असर कई सालों तक देखने को मिलेगा. वैसे यहां दिन के दौरान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तक रहता है.
सहारा रेगिस्तान 92 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जो भारत के दोगुने से भी ज्यादा है. यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जो नॉर्थ, सेंट्रल और वेस्ट अफ्रीका के 10 देशों में फैला हुआ है.