भारत की अर्थव्यवस्था की तरह ही देश का शेयर बाजार भी तेज रफ्तार से दौड़ लगाकर चीन को पीछे छोड़ चुका है.  

DSP म्यूचुअल फंड की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मुकाबले चीन का इक्विटी मार्केट बड़े अंतर से पीछे चल रहा है. 

चीन की जीडीपी (GDP) भारत के मुकाबले 5 गुना बड़ी है. लेकिन, उसका इक्विटी मार्केट कैपिटलाइजेशन भारत से महज दोगुना ही है. 

जानकारों का मानना है कि बीते कुछ बरसों में भारतीय इकॉनमी के साथ-साथ स्टॉक मार्केट (Stock Market) ने भी दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ दी है.  

यहां पर मार्केट कैपिटलाइजेशन तेजी से बढ़ा है और रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से ये अब ज्यादा भरोसेमंद हो गया है. 

अगर 2004 से 2021 के बीच की बात करें तो चीन की इकोनॉमी (Economy) ने भारत की GDP को तेजी से पीछे छोड़ दिया था. लेकिन, अब ड्रैगन की रफ्तार सुस्त पड़ने लगी है. 

DSP म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) रिपोर्ट के मुताबिक बीते 3 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था और इक्विटी बाजारों ने चीन के मुकाबले से बेहतर प्रदर्शन किया है. 

फिलहाल, भारत का निफ्टी 50 इंडेक्स 23 गुना ट्रेलिंग अर्निंग पर कारोबार कर रहा है. वहीं, शंघाई कंपोजिट की ट्रेडिंग सिर्फ 11 गुना पर ही सीमित है.

ट्रेलिंग अर्निंग के मायने हैं कि एक खास अंतराल के बाद शेयर के भाव में कितना उछाल आया है. 

दरअसल, भारतीय शेयर बाजार में देश और दुनिया के निवेशकों की दिलचस्पी और भरोसा बढ़ने की वजह हैं.