ये हैं Mount Cho Oyu फतह करने वाली पहली भारतीय महिला, अकेले पूरा किया अभियान
पर्वतारोहण (Mountaineering), यानी पहाड़ों पर चढ़ाई करना. यह रोमांचक खेल न केवल ताकत और सहनशक्ति की परीक्षा लेता है, बल्कि हमारे मानसिक साहस को भी चुनौती देता है.
जब हम ऊंचे पर्वतों पर चढ़ते हैं, तो हम प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं और अपनी सीमाओं को पार करने का अनुभव करते हैं.
उंचे-उंचे पहाड़ो को फतह करने वाले कई पर्वतारोही हुए लेकिन उत्तराखंड की एक साहसी बेटी ने पर्वतारोहण की दुनिया में नया इतिहास रच दिया है.
शीतल राज ने इस बार उन्होंने दुनिया की छठी सबसे ऊंची चोटी को फतह कर, भारत का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है.
मुश्किल हालातों और वीजा जैसी तमाम चुनौतियों के बावजूद, इस बेटी ने वह कारनामा कर दिखाया है जिसे हासिल करना सिर्फ कुछ ही लोगों के बस की बात होती है.
हिमालय की कई चोटियों पर तिरंगा लहराने के बाद, इस बार उन्होंने एक और ऊंचाई को छूकर देश के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवा दिया है.
इस बार उन्होंने दुनिया की छठी सबसे ऊंची चोटी Mount Cho Oyu (8188 मीटर) पर तिरंगा लहराकर इतिहास रचा है, और यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली भारतीय महिला बन गई हैं.
शीतल ने इस अभियान की शुरुआत 5 सितंबर को की थी, लेकिन भारत और चीन के बीच संबंधों के चलते वीजा मिलने में उन्हें 20 दिनों की देरी का सामना करना पड़ा.
इसके बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और नेपाल होते हुए चीन के बॉर्डर से Mount Cho Oyu तक का सफर तय किया.
शीतल इससे पहले Mount Everest, माउंट अन्नपूर्णा, Mount Kangchenjunga जैसी चोटियों पर भी सफल आरोहण कर चुकी हैं.