शेरशाह सूरी का मकबरा इसलिए है खास, कहा जाता है भारत का दूसरा ताजमहल
शाहजहां के द्वारा बनवाया गया आगरा में ताजमहल तो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, देश-विदेश से लोग आगरा में उस ताजमहल को देखने जाते हैं.
लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार में भी एक ताजमहल है. सुनकर अजीब लगा होगा लेकिन आपको बता दें बिहार के रोहतास में दूसरा ताजमहल है.
ऐसे में आइए आपको बिहार के इस ताजमहल के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग बातें बताते हैं.
दरअसल, रोहतास में शेरसाह सूरी का मकबरा है जो एक ऐतिहासिक धरोहर और वास्तुकला की उत्कृष्टता का अद्वितीय उदाहरण है.
शेर शाह सूरी, जिन्होंने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया, उनके मकबरे का निर्माण उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र के द्वारा कराया गया था.
यह मकबरा बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में स्थित है और इसे उनकी शाही भव्यता का प्रतीक माना जाता है.
मकबरे की वास्तुकला में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है, जो इसे और शानदार और मजबूत रूप प्रदान करता है.
मकबरे का प्रमुख आकर्षण इसका विशाल गुंबद है, जो शेर शाह सूरी के शासनकाल की महानता को दर्शाता है.
मकबरे के चारों ओर एक सुंदर बाग-बगीचा और एक बड़ा जलाशय भी है, जो इसके शाही वातावरण को और बढ़ाता है.
इसकी संरचना में खास ध्यान दीवारों पर की गई नक्काशी और सजावट पर दिया गया है. जहां विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां और आभूषण आपको उस काल की कला और शिल्पकला की झलक दिखाते हैं.
मकबरे के भीतर शेर शाह सूरी की जो समाधि हैं वह एक साधारण है लेकिन प्रभावशाली डिजाइन के साथ बनाई गई हैं.
मकबरे का डिजाइन न केवल शेर शाह सूरी की ऐतिहासिक महत्वता को दर्शाता है, बल्कि उस समय की वास्तुकला और इंजीनियरिंग के उत्कृष्ट नमूनों को भी उजागर करता है.
शेर शाह सूरी का मकबरा आज भी एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है, जो न केवल शेर शाह सूरी के जीवन और उनके योगदान की याद दिलाता है, बल्कि भारतीय वास्तुकला की भी एक अनमोल झलक प्रस्तुत करता है.