सिख, ईसाई, मुस्लिम या हिंदू...किस धर्म में है सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर?
केंद्र सरकार की रोजगार पर नई रिपोर्ट आ गई है. इसके मुताबिक 2023-24 में भी बेरोजगारी दर 3.2% ही रही जो 2022-23 में भी इतनी ही थी.
रिपोर्ट के मुताबिक पढ़े लिखे लोगों में बेरोजगारी दर सबसे ज्तादा है जो की देश के युवओं के लिए चिंताजनक है.
इस रिपोर्ट में सरकार ने देश के चार प्रमुख धार्मिक समूहों - हिंदू, इस्लाम, ईसाई और सिख धर्म - के लिए लिंग, ग्रामीण और शहरी भारत दोनों के आधार पर धर्मवार आंकड़े पेश किए.
रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर सिख धर्म को मानने वाले लोगों में है.
2023-24 में हिंदुओं में बेरोजगारी दर 3.1%, मुस्लिमों में 3.2%, सिखों में 5.8% और ईसाइयों में 4.7% थी.
वहीं, हिंदुओं की 45%, मुस्लिमों की 37%, सिखों की 42% और ईसाइयों की 45% आबादी कामकाजी है.
हालांकि, ट्रेंड बताता है कि मुस्लिमों में नौकरी करने वाले या काम की तलाश करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है.
2022-23 में 32.5% मुस्लिम ऐसे थे, जिनके पास या तो काम था या वो काम की तलाश में थे. जबकि, 2023-24 में ऐसे मुस्लिमों की संख्या 38% से ज्यादा रही.
इसी तरह, अनुसूचित जनजाति (ST) की 53% आबादी के पास कोई न कोई काम था या फिर वो काम की तलाश में थे.
जबकि, अनुसूचित जाति (SC) के 45% और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के 44% लोगों के पास रोजगार था. वहीं, सामान्य वर्ग से जुड़े 43% के पास ही नौकरी थी.