रूस-फ्रांस के बीच फिर बढ़ा तनाव, उतारा युद्धपोत; अब फंस गया ग्रीस

भूमध्य सागर में कभी भी बारूदी जलजला आ सकता है. 

रूस ने एक और युद्धपोत काला सागर से भूमध्य सागर में भेज दिया है. उसकी तैनाती एकदम फ्रांस के पास की है.

उधर युद्ध का अंदेशा देखते हुए फ्रांस ने नाटो से मदद मांगी है. जिसके बाद अमेरिका ने ग्रीस मिलिट्री बेस पर बॉम्बर तैनात करके रूस को चैलेंज किया है.

आखिर फ्रांस-रूस की तनातनी में ग्रीस कैसे एपिसेंटर बन रहा है. कहीं ऐसा ना हो कि अब यूक्रेन से युद्ध शिफ्ट होकर दूसरे यूरोपीय देशों तक पहुंचने लगे.

अगर ऐसा हुआ तो रूस के निशाने पर सबसे पहला नाम फ्रांस हो सकता है. क्योंकि भूमध्य सागर में हालात ऐसे बनते जा रहे हैं जिससे कभी भी फ्रांस और रूस में युद्ध शुरू हो सकता है.

रूस ने अपने 7 युद्धपोत भूमध्य सागर में लगा दिए, इसके अलावा तीन सबमरीन भी फ्रांस के एकदम पास तैनात कर दी.

मैक्रों ने यूक्रेन में सैनिक भेजने के लिए कहा है. रूस ने एक दिन पहले ही किंझल मिसाइल से लैस युद्धपोत भूमध्य सागर भेजा है.

दूसरी ओर रूस फ्रांस की घेराबंदी कर रहा है. युद्धपोत और सबमरीन से उसने ब्लैक सी से लेकर भूमध्य सागर रूट को ब्लॉक कर दिया है.

इसके पलटवार में फ्रांस ने बड़ी तैयारी की है. इसके लिए फ्रांस ने नाटो के साथ मिलकर रणनीति बनाई है. 

ग्रीस की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वो ब्लैक सी और भूमध्य सागर के बीच एंट्री गेट का काम करता है. अमेरिका ने ग्रीस पर बॉम्बर लगाकर और फ्रांस ने युद्धपोत लगाकर रूस को चैलेंज कर दिया है.