वो जानवर जो बिना कानों के भी सुन लेता है आवाज, आपको मालूम है इसका नाम

हर जीव की अपनी एक अनूठी विशेषता होती है, जो उसे उसके पर्यावरण में खास तरीके से जीवित रहने में मदद करती है. कुछ जीव अंडे देते हैं, जबकि कुछ जन्म देते हैं.

स्विट्ज़रलैंड के ज़्यूरिख विश्वविद्यालय के PHD छात्र गैब्रियल जॉर्जिविच कोहेन ने पाया कि कुछ जीव अंडे में रहते हुए भी बातचीत करना शुरू कर देते हैं.

आपने सुना होगा कि सभी जीव आवाज को अपने कानों से महसूस करते हैं, लेकिन सांप अपनी जीभ से आवाज को महसूस करते हैं, जो उनकी विशेषता है.

इसी तरह मधुमक्खियां सूर्य की पराबैंगनी किरणें देख सकती हैं और कुछ अन्य प्रजातियां जैसे कुत्ते, बिल्ली, चूहे और बत्तख भी UV किरणें देख सकती हैं.

बत्तख अपनी आंखें बंद करके भी अपनी दिशा जान सकती हैं. वे आवाजें उत्पन्न करती हैं और इन आवाजों की गूंज से वस्तुओं का पता लगाती हैं, जिससे उन्हें अंधेरे में भी वस्तुओं को पहचानने में मदद मिलती है.

एक और दिलचस्प जीव है गैस्ट्रिक-ब्रूडिंग मेंढ़क, जो अंडे देने और जन्म देने की एक ही प्रक्रिया से बच्चा पैदा करता था.

ये मेंढ़क 1980 के दशक के मिडिल में विलुप्त हो गया, लेकिन ये एकमात्र ऐसा जीव था जो अपने मुंह से बच्चा पैदा करता था.

इस तरह के जीवों की अनोखी क्षमताएं उन्हें उनके वातावरण में अनुकूलित रहने में मदद करती हैं.