वो जेल जहां पर सुबह उठकर नौकरी पर जाते हैं कैदी, जानें यहां की और खासियतें

भारत में आठ प्रकार की जेलें होती हैं, जिनमें सेंट्रल जेल, उप जेल, जिला जेल और सब जेल शामिल हैं.  

सेंट्रल जेल में दो साल से अधिक सजा पाए दोषी और खूंखार अपराधी रहते हैं. इन जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होती है.

मध्य प्रदेश में 11 सेंट्रल जेलें हैं, जबकि महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और पंजाब में 9-9 सेंट्रल जेलें स्थित हैं.

इसके अलावा जिला और सब डिवीजन स्तर पर ड्रिस्ट्रिक्ट और सब जेलें होती हैं.

इनमें से एक प्रकार की जेल होती है ओपन जेल, जो व्यवहार में अच्छे कैदियों के लिए होती है.

इन जेलों में कैदी सुबह उठकर काम पर जा सकते हैं और शाम को वापस जेल लौट आते हैं.

ओपन जेल में कैदियों के लिए विशेष सुविधाएं होती हैं, जैसे कि सलाखें नहीं लगाई जातीं और ताले भी नहीं डाले जाते. सुरक्षा व्यवस्था भी यहां कम होती है.

भारत में ओपन जेल की शुरुआत अंग्रेजों के काल में हुई थी. देश की पहली ओपन जेल 1905 में मुंबई में खोली गई थी.

वहीं सेंट्रल जेल में अच्छा व्यवहार दिखाने वाले कैदियों को ओपन जेल में ट्रांसफर किया जा सकता है.