वो राजा जिसने उजाड़ दी थी दिल्ली, कुत्ते-बिल्लियों तक को उठवा लिया था

भारत में तुगलक वंश की स्थापना 1320 में हुई तब गयासुद्दीन तुगलक दिल्ली की गद्दी पर बैठा था. 

गयासुद्दीन की मौत के बाद, उसका बेटा मुहम्मद बिन तुगलक 1325 में दिल्ली की गद्दी पर बैठा.

मुहम्मद बिन तुगलक जो था वो बहुत पढ़ा लिखा, लेकिन बुद्धि से था निल बटे सन्नाटा.

राजा बनने के 2 साल बाद तुगलक ने दिल्ली से राजधानी दौलतदाबाद ले जाने का ऐलान कर दिया.

इस फैसले में राजदरबार ही नहीं बल्कि प्रजा तक शामिल था, जानवर तक शामिल थे. 

तुगलक ने राजधानी ले जाने के लिए दौलताबाद तक सड़क बनवा दी, पेड़ लगा दिए, सराय बनवा दिए.

लेकिन पानी ही नहीं व्यवस्था कर पाया जब राजा और प्रजा पहुंचे तो कई लोग रास्ते में ही मर गए.

इतिहासकार लिखते हैं कि एक बिल्ली या कुत्ता भी दिल्ली में नहीं बचा था, सब को उठा लिया गया.

कुछ समय बाद फिर से मुहम्मद बिन तुगलक ने दौलताबाद से दिल्ली अपनी राजधानी शिफ्ट कर दी थी.