दुनिया में बनी सबसे बड़े पत्थर की बुद्ध की प्रतिमा, अनूठी इंजीनियरिंग की है खास मिसाल
लेशान विशालकाय बुद्ध प्रतिमा प्राचीन इंजीनियरिंग और कलात्मकता का एक चमत्कार है.
चीन के तांग राजवंश के दौरान सीधे एक चट्टान के चेहरे पर उकेरी गई, यह विशाल मूर्ति एक हजार साल से अधिक समय से तीन नदियों के संगम पर नजर रखती है.
71 मीटर ऊंची यह दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर की बुद्ध प्रतिमा है. कई लिहाज से अनोखी ये मूर्ति दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करती हैं.
लेशान की विशालकाय बुद्ध प्रतिमा प्राचीन चीनी शिल्पकला और आध्यात्मिकता का प्रमाण है.
चट्टान की सतह पर उकेरी गई यह विशाल प्रतिमा सदियों से पर्यटकों को आकर्षित करती रही है. यह मूर्ति 71 मीटर ऊंची है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर की बुद्ध प्रतिमा बनाती है.
इसके कंधे 28 मीटर चौड़े हैं. बुद्ध का सिर ही 14.7 मीटर (48 फीट) ऊंचा और 10 मीटर (33 फीट) चौड़ा है. प्रत्येक कान 7 मीटर (23 फीट) लंबा है.
लेशान विशालकाय बुद्ध के पीछे के इतिहास को समझने से इसके महत्व में गहराई आती है. यह मूर्ति सिर्फ कला का एक नमूना नहीं है, यह भक्ति और इंजीनियरिंग कौशल का संकेत है.
बुद्ध की इस प्रतिमा को तांग राजवंश के दौरान तराशा गया था, जो 618 से 907 ईस्वी तक चला. निर्माण 713 ईस्वी में शुरू हुआ और पूरा होने में 90 साल लगे.
इस परियोजना की शुरुआत हाई टोंग नामक एक चीनी भिक्षु ने की थी, जिसे उम्मीद थी कि बुद्ध नीचे की नदियों के अशांत पानी को शांत करेंगे.
लेशान विशालकाय बुद्ध को पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था, जो प्राकृतिक तत्वों से निपटने में प्राचीन ज्ञान को दर्शाता है.
माना जाता है कि बुद्ध के निर्माण से नीचे का पानी शांत हो जाता है, जिससे क्षेत्र में जहाजों के डूबने की संख्या कम हो जाती है.