भाई-बहन को मिली रिहाई लेकिन पिता अब भी बंदी, इजरायल-हमास युद्ध के बीच जूझता एक परिवार
हमास और इजरायल के बीच अब तक की लड़ाई में ऐसा पहली बार था जब एक ही झटके में सैकड़ों इजराइली नागरिक मारे गए.
पूरी दुनिया में इस युद्ध की निंदा हुई. हर किसी की मांग थी कि युद्धबंदियों को छोड़ा जाए. वह मासूम हैं.
जिस दिन हमास और इजराइल के बीच अस्थायी युद्धविराम समझौता हुआ तब जाके लोगों ने चैन की सांस ली.
7 अक्टूबर का दिन बिल्कुल किसी आम दिन जैसा शुरू हुआ था, लेकिन दिन ढलते-ढलते इसका स्वरूप बदल गया.
कुछ ऐसी ही कहानी है 17 साल की आयशा और 18 साल के बिलाल ज़ियादने की जिनको अस्थायी युद्धविराम समझौते के बाद रिहा किया गया.
आयशा और बिलाल जियादने को 30 नवंबर को कतर और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हमास और इजराइल के बीच किए गए अस्थायी युद्धविराम समझौते के तहत रिहा किया गया था.
लेकिन उनके पिता यूसुफ हामिस जियादने और भाई हमजा अभी भी बंदी हैं. किबुत्ज होलिट में हर दिन की तरह काम कर रहे इस परिवार के चार सदस्यों को हमास ने बंदी बना लिया था.
जियादने परिवार के चार सदस्य – पिता यूसुफ हामिस जियादने, बेटे हमजा और बिलाल और बेटी आयशा 7 अक्टूबर की सुबह से लापता हो गए थे जब वह लोग किबुत्ज होलिट में काम कर रहे थे.
दो पत्नियों और 19 बच्चों के साथ शादीशुदा 53 साल के यूसुफ किबुत्ज में अपने फार्म काम कर रहे थे. उनकी 17 साल की बेटी आयशा अपने पिता के साथ वहीं मौजूद थीं.
बंदी बनाने के बाद हमास ने हमजा और बिलाल की एक तस्वीर भी पोस्ट की थी जिसमें दोनों जमीन पर पड़े नजर आ रहे थे. क्योंकि बिलाल और आएशा दोनों ही 19 साल से कम उम्र के थे इसलिए दोनों को रिहा कर दिया गया.