इस जगह पर है दुनिया का सबसे ऊंचा 'कब्रिस्तान', हर एक कदम पर दबी है लाशें
सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट को दुनिया का सबसे ऊंचा शमशान भी कहा जाता है.
इसके पीछे की वजह है वहां दम तोड़ने वाले पर्वतारोहियों के शव, जिसे नीचे नहीं लाया गया.
जानकारी के लिए बता दें कि, चढ़ाई के दौरान मौसम में बदलाव, ठंड, ऑक्सीजन की कमी आदि का सामना करना पड़ता है, जो हर किसी के बस की बात नहीं है.
इसके लिए मानसिक रूप से भी मजबूत होने की जरूरत होती है, नहीं तो राह में आती परेशानियां ही आपका हौसला तोड़ सकती हैं.
जब कभी कोई पर्वतारोही चढ़ाई पूरी नहीं कर पाता या फिर किसी वजह से उनकी रास्ते में ही जान चली जाती है, ऐसे में कई बार रास्ते में ही बर्फ से उनकी बॉडी ढक जाती है.
ऐसे में जब कोई पर्वतारोही चढ़ाई के दौरान उन रास्तों से गुजरता है, तो कुछ डेड बॉडी रास्ते में दबी नजर आती हैं.
कई बार तो ये डेड बॉडी सैंकड़ों साल पुरानी होती हैं, जिन्हें देखकर हैरानी होना तो लाजिमी है.
ये तो हम सभी जानते हैं कि, एवेरस्ट से मृत शरीरों को नीचे लाना किसी चैलेंज से कम नहीं है. ऐसे स्थिति में बहुत कम लोग ही अपनों को वापस ला पाते हैं.
वहीं कुछ लोग अपने साथियों की बॉडी को यूं ही बर्फ में छोड़ देते हैं. बर्फीली जगहों पर तापमान काफी कम होता है. यही वजह है कि यहां लाशें सड़ती नहीं है.