इस जगह बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत नक्काशी, जानें क्या है खासियत

वैसे तो दुनिया में बहुत से मशहूर स्मारक पर एक ऐसा भी है जो अभी पूरा भी नहीं हुआ है, उससे ही पहले मशहूर हो गया है.

आपको जानकर शायद हैरानी हो कि इसे बनाने के पीछे एक बड़ा मकसद दुनिया को यह बताना था मूल अमेरिकी लोगों के भी अपने नायक हैं.

पिछले 75 सालों से भी अधिक समय से क्रेजी हॉर्स मेमोरियल बन ही रहा है और पूरा होने से पहले ही लोगों के लिए आकर्षण के साथ ही बहस का विषया भी रहा है.

अमेरिका के साउथ डकोटा के ब्लैक हिल्स में बसा यह विस्मयकारी परियोजना सिर्फ एक मूर्ति से कहीं अधिक है. यह लचीलेपन, गर्व और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक है. 

शुरुआत से लेकर इसे पूरा करने के लिए चल रहे प्रयासों तक, क्रेजी हॉर्स मेमोरियल का हर पहलू अतीत, वर्तमान और भविष्य की एक आकर्षक झलक पेश करता है.

क्रेजी हॉर्स ओग्लाला लकोटा लोगों का एक सम्मानित युद्ध नेता था, जो अमेरिकी संघीय सरकार के मूल अमेरिकियों के इलाकों पर अतिक्रमण करने के प्रयासों के खिलाफ अपनी भयंकर लड़ाई के लिए जाना जाता था. 

अपने लोगों के जीवन के तरीके को संरक्षित करने के लिए उनका समर्पण और 1876 में लिटिल बिगहॉर्न की लड़ाई में उनकी भूमिका ने उनकी विरासत को मजबूत किया. आज भी उसे एक मूल अमरेकियों के हीरो के तौर पर जाना जाता है. 

पोलिश मूल के अमेरिकी मूर्तिकार कोरजाक जिओलकोव्स्की ने 1948 में लकोटा प्रमुख हेनरी स्टैंडिंग बियर के अनुरोध पर क्रेजी हॉर्स मेमोरियल की शुरुआत की थी.

उनका सपना एक ऐसा भव्य स्मारक बनाना था जो यह दर्शाए कि मूल अमेरिकियों के भी नायक हैं. मूल अमेरिकी संस्कृति के प्रति सम्मान और आदर इस परियोजना के केंद्र में हैं. 

क्रेजी हॉर्स मेमोरियल का निर्माण 70 से अधिक सालों से चल रहा है, जो इसे दुनिया की सबसे लंबे समय तक चलने वाली निर्माण परियोजनाओं में से एक बनाता है.

क्रेजी हॉर्स मेमोरियल बनकर तैयार होने पर 563 फीट ऊंचा और 641 फीट लंबा होगा. इसे परिप्रेक्ष्य में रखें तो यह माउंट रशमोर नेशनल मेमोरियल से काफी बड़ा होगा. 

इसका सिर अकेले 87 फीट ऊंचा है, जबकि माउंट रशमोर में राष्ट्रपतियों के सिर 60 फीट ऊंचे हैं. 

अब तक, क्रेजी हॉर्स का चेहरा पूरा हो चुका है जिसा 1998 में अनावरण किया गया था. फैली हुई भुजा और घोड़े के सिर पर काम चल रहा है, जिसके पूरे होने की कोई तय तारीख नहीं है.

आप को जानकर हैरानी होगी कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई तरह की चुनौतियां खड़ी हुईं, जिससे इसके निर्माण की रफ्तार धीमी हो गई.