गारंटी और वारंटी के बीच में होता है ये फर्क, ज्यादातर लोगों को नहीं होगा मालूम
बहुत से लोग गारंटी और वारंटी को एक ही समझ लेते हैं. जबकि असल में इनके बीच काफी फर्क होता है, जो एक जागरूक ग्राहक को समझना जरूरी है.
गारंटी वो सुविधा है, जो आपके प्रोडक्ट के खराब होने की स्थिति में आपका बड़ा फायदा करा सकती है और दुकानदार का नुकसान.
जी हां, अगर किसी उत्पाद में खराबी होती है, तो गारंटी की स्थिति में उसे या कंपनी को प्रोडक्ट ही सीधे तौर पर बदलना पड़ता है.
खराब प्रोडक्ट की जगह आपको नया प्रोडक्ट मिल जाता है. इसे ही गारंटी कहा जाता है और इसके लिए प्रोडक्ट के साथ एक कार्ड मिलता है, जिसमें गारंटी की अवधि भी लिखी हुई होती है.
सुनने में दोनों टर्म्स एक से लगते हैं लेकिन असल में वारंटी, गारंटी से अलग होती है.
गारंटी में सामान ही बदल जाता है लेकिन वारंटी में प्रोडक्ट को बदला नहीं जाता है लेकिन उसे बिना किसी चार्ज के ठीक करके दिया जाता है.
वारंटी का भी पीरियड होता है और इसस पीरियड में अगर ये खराब हुआ, तो समझिए आपके प्रोडक्ट का पार्ट बदल जाएगा, लेकिन आपको पैसे नहीं देने होंगे.
गारंटी और वारंटी कार्ड में कुछ शर्तें लिखी होती हैं, जिन्हें आपको ठीक तरह से पढ़ना होता है. ज्यादातर केसेज़ में वारंटी की अवधि 1 साल होती है.
कई बार पूरे प्रोडक्ट तो कई बार कुछ पार्ट की ही वारंटी होती है, ऐसे में आपको इसे ठीक तरह समझ लेना चाहिए.