ये हैं अंग्रेजों के जमाने के 8 पुराने स्कूल, पढ़ाई में आज भी हैं अव्वल, जानें नाम

बच्चों को शिक्षा देने के साथ स्कूल उनके व्यक्तिगत विकास में भी काफी अहम भूमिका निभाते हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं अंग्रेजों के जमाने के 8 पुराने स्कूलों के बारे में तो चलिए हम आपको बताते हैं. 

सेंट जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना 1715 में मिलिट्री मेल ऑर्फन असाइलम के रूप में की गई थी. यह भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है.

सेंट जॉन्स वेस्ट्री एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल तमिलनाडु के तिरुचिल्लापल्ली में स्थित है. यह चर्च ऑफ साउथ इंडियन के मिशन के तहत संचालित होता है. 

अंग्रेजों ने इसे 1763 के आसपास स्थापित किया था जो तमिलनाडु के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है.

कोलकाता के किडरपोर का सेंट थॉमस स्कूल में केजी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक की पढ़ाई होती है. इसकी स्थापना 21 दिसंबर 1789 में हुई थी.

हुगली जिले के चिनसुरा का हुगली कॉलेजिएट स्कूल पश्चिम बंगाल के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है.  इसे हुगली कॉलेज के नाम से भी जाना जाता है.

मुंबई के क्राइस्ट चर्च स्कूल को बॉम्बे एजुकेशन सोसायटी ने 1815 में स्थापित किया था. इस स्कूल में 3800 स्टूडेंट्स को एजुकेशन दिया जा रहा है. 

कोलकाता के हरे स्कूल की स्थापना स्कॉटिश घड़ी निर्माता डेविड रे ने 1818 में की थी. यहां पश्चिम बंगाल बोर्ड के तहत 1 से 12वी तक की पढ़ाई होती है. यह स्कूल प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी और कलकत्ता यूनिवर्सिटी के पास स्थित है.

दार्जिलिंग में स्थित सेंट पॉल स्कूल लड़कों का एक प्राइवेट बोर्डिंग स्कूल है. यहां 10वीं तक ICSE बोर्ड से और 11वी और 12वी  में ISC बोर्ड की पढ़ाई होती है.

हिंदू स्कूल कोलकाता में स्थित एशिया के सबसे पुराने मॉडर्न स्कूल में से एक है. इसकी स्थापना 1817 में हुई थी और पहले इसे हिंदू स्कूल के नाम से जाना जाता था.