ये हैं भारतीय सेना के सबसे पावरफुल टैंक, दुश्मनों के छुड़ा देगी पसीना, जानें खासियत

पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के होश उड़ाने की दिशा में भारत एक कदम और बढ़ गया है.

इसने अपने हल्के लेकिन शक्तिशाली टैंक जोरावर के परीक्षण का एक और चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से इस टैंक का प्रारंभिक ऑटोमोटिव परीक्षण भी सफल रहा है. 

ऐसे में आइए जान लेते हैं कि भारतीय सेना के पास कितने टैंक हैं और ये कितने पावरफुल हैं.

जोरावर टैंक का वजन केवल 25 टन है. ढाई साल में इस टैंक को डिजाइन कर इसका पहला प्रोटोटाइप भी बना लिया गया था. फिलहाल यह डेवलपमेंट टेस्टिंग के दौर से गुजर रहा है.

वजन में हल्का होने के बावजूद जोरावर किसी भी मामले में कमजोर नहीं है, बल्कि यह कई मामलों में दूसरे टैंक के मुकाबले भारी ही है.

पूरी तरह से बख्तरबंद इस टैंक का वजन कम होने के कारण दुर्गम से दुर्गम रास्तों से इसे ले जाया जा सकता है. यही नहीं, जरूरत पड़ने पर प्लेन और ट्रेन से भी इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर कम समय में पहुंचाया जा सकता है.

भारत के पहले मेन बैटल टैंक का निशाना महाभारत के अर्जुन की तरह ही अचूक है. इसीलिए इसे नाम भी अर्जुन ही दिया गया है. 

क्रॉस कंट्री में 40 किमी प्रति घंटा और अधिकतम 70 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने में सक्षम अर्जुन के इंजन की ताकत 1400 घोड़ों के बराबर है. 

भारतीय सेना का एक और मेन बैटल टैंक है टी-90 भीष्म, जो दुनिया के सबसे पावरफुल टैंकों में शामिल है. पहले टी-90 को रूस से आयात किया जाता था पर अब इसे देश में ही बनाया जाता है. 

भारतीय सेना के पास 1200 भीष्म टैंक हैं और जुलाई 2023 में इसमें लगाने के लिए 400 सॉफ्टवेयर डिफाइन्ड रेडियो ऑर्डर दिया जा चुका है, जिससे इसकी नेटवर्किंग क्षमता और बढ़ाई जा सके.

भारतीय सेना के पास 2400 टी-72 टैंकों का बेड़ा है, जिसमें से अब 1800 टैंकों को एडवांस एआई बैटल क्षमता वाले टैंकों से रिप्लेस करने की तैयारी है. 

41 टन वजनी टी-72 टैंकों को महाबली कहा जाता है जो सड़क पर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं तो ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी इनकी स्पीड 35 से 40 किमी प्रति घंटे रहती है.