ये हैं वो देश जहां मिलिट्री से डरती है सरकार, जानें इनके नाम 

किसी देश में जब जनता के बीच सरकार के खिलाफ असंतोष फैल जाता है या सेना सरकार से ज्यादा ताकतवर हो जाती है तो उस देश की सरकार का तख्तापट हो जाता है.

आसान भाषा में कहें तो किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक समस्याएं और नागरिक संघर्षों के कारण ही तख्तापलट होता है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में ऐसा कई बार हो चुका है.

इसके अलावा हाल ही में बांग्लादेश में भी ये देखने को मिला, जब वहां की सेना द्वारा शेख हसीना सरकार का तख्तापलट कर दिया गया था.

दुनिया में सबसे ज्यादा बार तख्तापलट अफ्रीकी देशों में हुआ है. पूरे अफ्रीका महाद्वीप की बात करें तो वहां 1950 के बाद से अब तक कुल 109 बार अलग-अलग देशों में तख्तापलट की कोशिश हो चुकी है.

इसमें पहले नंबर पर बुर्किना फासो है, जहां 9 बार तख्तापलट हो चुका है. इसके अलावा सुडान की बात करें तो, वहां तख्तापलट की लगभग 18 बार कोशिश की गई.

हालांकि, ये कोशिश सफल सिर्फ 6 बार हुई. इन कोशिशों में हर बार हजारों लोग मारे जाते हैं और लाखों लोग इससे प्रभावित होते हैं.

बुर्किना फासो और सुडान के अलावा बुरुंडी और घाना जैसे देशों में भी कई बार तख्तापलट हुआ है. इन देशों में जनता सरकार से ज्यादा सेना से डरती है. चलिए अब भारत के आसपास के देशों के बारे में बताते हैं.

म्यांमार में सेना ने कई बार तख्तापलट किए हैं. 1962 में जनरल न्यून विन ने पहली बार तख्तापलट किया, जिसके बाद म्यांमार में एक सैन्य शासन स्थापित हुआ. इसके बाद 1988 में फिर से एक बार म्यांमार हुआ.

इस तख्तापलट के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों को मार दिया गया. इसके बाद चीजें कुछ सुधरीं, लेकिन फिर साल 2021 में एक और तख्तापलट हो गया.

पाकिस्तान में भी सेना का राजनीतिक हस्तक्षेप और तख्तापलट आम बात है. पहली बार जनरल अय्यूब खान ने 1958 में तख्तापलट किया था.

इसके बाद, जनरल जिया उल हक और जनरल मुशर्रफ ने भी पाकिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के लिए तख्तापलट किया. पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार ने वहां सेना को कई बार तख्तापलट का मौका दिया है.