ये थीं टाइटैनिक के डूबने की 5 बड़ी वजह? जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

वैसे तो कई साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी लोगों टाइटैनिक से जुड़ी हर एक बात जानने में दिलचस्पी है.

सभी जानते हैं कि टाइटेनिक सबसे बड़ा यात्री जहाज था. ये 10 अप्रैल 1912 को साउथम्पटन से न्‍यूयॉर्क के लिए अपनी पहली यात्रा के लिए रवाना हुआ था

लेकिन, चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक आइसबर्ग से टकरा कर डूब गया था

1,517 लोगों की मौत हो गई और टाइटैनिक का पहला सफर ही उसका आखिरी सफर बन गया

बताया जाता है कि अगर उस वक्‍त जहाज में कुछ बातों पर ध्‍यान दिया गया होता, तो कई लोगों की जान बच सकती थी

सबसे पहले आती है लाइफबोट की कमी- टाइटेनिक जहाज का डिजाइन कुछ इस तरह का था कि

इस पर आराम से 64 लाइफ बोट लाई जा सकती थी, लेकिन इसे अनदेखा किया गया और सिर्फ 20 लाइफबोट ही लाई गईं

बोट को खाली छोड़ना- जल्‍दबाजी में लाइफबोट को पूरा नहीं भरा गया गिने चुने लोगों को ही इसमें बैठाकर ले जाया गया , जिस कारण कई लोग मौत का शिकार हुए थे

नहीं मानी चेतावनी- टाइटैनिक के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले आगे आइसबर्ग के होने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन जहाज के सदस्‍यों ने इसे नजरअंदाज कर दिया

पहले दिख जाता आइसबर्ग- कहते हैं कि आइसबर्ग दिखने पर ऑफिसर्स ने 30 सेकंड पहले

इंजन को रिवर्स चलाने कर ऑर्डर दिया था, पर आइसबर्ग से बचने के लिए यह काफी नहीं था. अगर 30 सैकंड पहले आइसबर्ग दिख जाता, तो  शायद टाइटेनिक डूबने से बच जाता