ये थे प्राइवेट प्लेन खरीदने वाले देश के पहले भारतीय, बड़ी दिलचस्प है कहानी, जानें
भारत के पुराने राजा-महाराजाओं, नवाबों और निजामों की शानदार जिंदगी हमेशा से लोगों को लुभाती रही है। उनकी अमीरी की कहानियां आज भी लोगों को हैरान करती हैं.
ऐसे ही एक राजा थे पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह. उनकी जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी.
साल 1928 में महाराजा भूपिंदर सिंह अपने 40 नौकरों और कीमती रत्नों से भरे बक्से लेकर पेरिस पहुंचे. उनके पास माणिक, पन्ना, मोती और हीरे जैसे बेशकीमती रत्न थे.
उनका मकसद था दुनिया का सबसे महंगा और शानदार हार बनवाना. उन्होंने इसके लिए मशहूर जौहरी 'बुचरॉन मैसन' को चुना.
महाराजा भूपिंदर सिंह भारत के पहले शख्स थे जिन्होंने खुद का हवाई जहाज खरीदा था. उन्हें क्रिकेट और पोलो का बहुत शौक था. इसी शौक ने उन्हें विमानन की दुनिया में खींचा.
उन्होंने साल 1910 में महज 19 साल की उम्र में यूके से प्राइवेट जेट खरीदा था. उनके पास विमान उड़ाने और रखरखाव के लिए पूरा स्टाफ था.
वहीं इस विमान के लिए पटियाला में ही विमान पट्टी भी बनाई गई थी और महाराजा अक्सर इससे विदेश यात्राएं करते थे.
'सिंपली फ्लाइंग' की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने ब्रिटेन से तीन हवाई जहाज खरीदे थे - दो 'हेनरी फार्मन बाइप्लेन' और एक 'ब्लैरियट XI मोनोप्लेन'. महाराजा खुद एक पेशेवर क्रिकेटर भी थे.
उन्होंने 1911 में इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की थी.