26 जनवरी की परेड में अंग्रेजों का यह रिवाज आज भी होता है फॉलो, यहां जानें सच्चाई

गणतंत्र दिवस की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. 26 जनवरी को पूरा देश इस खास दिन को सेलिब्रेट करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है. 

देश में हर किसी की नजर इस दौरान कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड पर होती है. जहां सेना के तीनों अंगों के जवान कदमताल करते है.

भारत इस बार अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. आजादी के अमृतकाल में होने जा रहा यह समारोह कई मायनों में खास है. 

दरअसल, भारत इस समारोह के जरिए दुनिया के सामने अपनी ताकत का भी प्रदर्शन करता है. इस समारोह में कई ऐसे रिवाज हैं जो अंग्रजों के समय से चले आ रहे हैं.

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान ताकत का प्रदर्शन करने का रिवाज ब्रिटिश काल से जुड़ा है. अंग्रेजों के जमाने में होने वाली परेड में सैन्य ताकत का दुनिया के सामने प्रदर्शन करके अपनी ताकत दिखाई जाती थी.

आजादी के बाद इस रिवाज को चालू रखा गया. भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में सेना के तीनों अंगों की ताकत का प्रदर्शन दुनिया के सामने किया जाता है.

गणतंत्र दिवस के मौके पर 21 तोपों की सलामी देने की परंपरा भी अंग्रेजों के जमाने से जुड़ी है.

भारत की आजादी के बाद भी इस परंपरा को बनाए रखा गया. गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस के अलावा खास मौकों पर सलामी दी जाती है.

पहले अंग्रेजों के जमाने की बनी 25 पाउंडर आर्टलरी से यह सलामी होती थी. हालांकि, बाद में इन्हें स्वदेशी तोपों से बदल दिया गया. 21 तोपों की सलामी हर 2.25 सेकंड के अंतराल पर गोला दागकर दी जाती है.