राजस्थान का ये दूल्हा समाज के लिए बना मिसाल, दहेज प्रथा रोकने के लिए की अनोखी पहल
जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव में एक अनोखी शादी ने समाज को नई दिशा दिखाई. इस शादी में दूल्हे ने दहेज प्रथा को पूरी तरह से अस्वीकार कर एक मिसाल पेश की.
उन्होंने केवल शगुन के रूप में एक रुपये और नारियल लेकर समाज में सकारात्मक संदेश दिया.
इसे देखकर न केवल शादी में शामिल लोग बल्कि पूरे गांव के लोग भी भावुक हो गए. दुल्हन के पिता इस दौरान अपने आंसू नहीं रोक पाए और उन्होंने दूल्हे और उनके परिवार की इस पहल की सराहना की.
विवाह के दौरान जब टीके की रस्म के तहत 5 लाख 51 हजार रुपये भेंट किए गए, तो दूल्हे ने बिना किसी संकोच के इसे लौटाने का निर्णय लिया.
उन्होंने कहा कि उन्हें दहेज की कोई आवश्यकता नहीं है और इस प्रथा को समाप्त करना चाहिए. समाज में बदलाव लाने की कोशिश शिक्षित लोगों पर निर्भर है.
उन्होंने कहा, "यह अचानक नहीं होगा, लेकिन हमें कहीं से तो शुरुआत करनी ही होगी." इस फैसले का उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की गूंज के साथ समर्थन किया.
वहीं, दुल्हन के पिता जेठूसिंह भाटी ने कहा कि ऐसे निर्णयों से समाज में बदलाव आएगा और किसी भी पिता को अपनी बेटी को बोझ समझने की मानसिकता से मुक्ति मिलेगी.
उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे.
यह पहल निश्चित रूप से समाज में बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है.