इस तरह शुरू हुई थी शादी करने की परंपरा? जानें किसका हुआ था पहला विवाह
हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सृष्टि का निर्माण हुआ उस समय भगवान ब्रह्मा ने अपने शरीर के दो टुकड़े किए थे,
जिसमें से एक टुकड़े को “का” नाम दिया और दूसरे टुकड़े को “या” नाम दिया.
इन दोनों ने मिलकर काया बनाई और इसी काया से पुरुष और स्त्री तत्वों का जन्म हुआ.
पुरुष तत्व को स्वयंभू मनु का नाम दिया गया और स्त्री तत्व में पैदा हुई पहली महिला को शतरूपा नाम दिया गया.
जब इन दोनों का धरती पर पहली बार आमना-सामना हुआ तब भगवान ब्रह्मा से मिले संस्कारों और पारिवारिक ज्ञान से इनको दांपत्य जीवन में आने की दिशा मिली.
हिंदू धर्म की कुछ धार्मिक पुराणों में बताया जाता है कि विवाह की शुरुआत श्वेत ऋषि ने की थी.
श्वेत ऋषि ने ही विवाह की परंपरा, नियम, मर्यादा, महत्व, सिंदूर, मंगलसूत्र और सात फेरों समेत तमाम तरह की रीति-रिवाजों की स्थापना की थी.
श्वेत ऋषि द्वारा बनाए गए नियमों में विवाह के बाद पति और पत्नी को बराबर का स्थान दिया गया.