ये है पाकिस्तान का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, जुड़ी है शिव और सती की प्रेम कहानी
वैसे तो पाकिस्तान में बहुत सारे मंदिर हैं लेकिन एक हिंदू मंदिर 5000 साल पुराना है. भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर महाभारत काल का बताया जाता है.
ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में श्री कृष्ण ने खुद अपने हाथों से बने शिवलिंग को यहां स्थापित किया था.
कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल जिले से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है. यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर भी है.
इस मंदिर का इतिहास भोलेनाथ और माता सती की प्रेम कहानी से जुड़ा है. आइए जानते हैं कटासराज मंदिर के बारे में.
कटास राज मंदिर दुनिया भर के हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण जगह है.
ऐसा माना जाता है कि जिस तालाब के चारों ओर कटास मंदिर बना है वह भगवान शिव के आंसुओं से भरा है.
कहते हैं कि भगवान शिव अपनी पत्नी सती के साथ यहां रहते थे. उनकी मृत्यु के बाद, दुख से त्रस्त शिव अपने आंसू नहीं रोक सके.
वे इतना रोए थे, कि उनके आसूंओं से दो तालाब निर्मित हो गए जिनमें से एक कटारसराज में है, तो दूसरा राजस्थान के पुष्कर में.
मंदिर में स्थित कुंड का नाम भी एक ऐसे शब्द से लिया गया है जो उनके दुख को व्यक्त करता है. इस कुंड को कटाक्ष कुंड भी कहते हैं जिसका अर्थ "आंखों में आंसू" से होता है.
आजादी से पहले इस मंदिर में दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें लगा करती थीं.