ये है एशिया का सबसे साफ-सुथरा गांव, जानें यहां के लोग कैसे जीते हैं जिंदगी
देश में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे खूबसूरत गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित है.
एक ऐसा गांव है जिसे एशिया और भारत का सबसे क्लीन साफ-सफाई वाले गांव का दर्जा प्राप्त है. इस गांव का नाम मॉलिन्नॉन्ग (Mawlynnong)है.
आपको जानकर ताज्जुब हो रहा होगा कि आखिर कैसे यह एशिया का सबसे साफ-स्वच्छ गांव बना तो आपको बता दें कि इसके पीछे की वजह खुद इस गांव के लोग हैं.
दरअसल, इस गांव में 4 साल की उम्र से ही बच्चों को साफ-सफाई की शिक्षा दी जाने लगती है. वे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, स्वच्छता का महत्व समझने लगते हैं और गांव को साफ रखने में मदद करते हैं.
गांव में इसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं, जिसके तहत यहां किसी का भी प्लास्टिक की थैली लेकर प्रवेश करना और थूकना सख्त मना है.
साथ में गांव की हर सड़क पर बांस से बनीं टोकरियां रखी गई हैं, जिसमें लोग कचरा जमा करते हैं. वहीं, 2007 में ही यहां के हर घर में टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
खसी समुदाय से जुड़े इस गांव मॉलिन्नॉन्ग (Mawlynnong)में तकरीबन 95 परिवार के 500 लोग रहते हैं. गांव को सुंदर बनाने के लिए यहां के लोगों ने सड़कों को फूलों के पेड़ों से सजाया है.
हालांकि, 2003 के पहले तक यहां सड़कें नहीं थीं, जिससे कोई सैलानी भी घूमने नहीं आता था. लेकिन, जब इसे डिस्कवरी इंडिया मैगजीन ने सबसे क्लीन गांव का दर्जा दिया, तब यहां सड़कें भी बन गईं और घूमने के लिए सैलानी भी पहुंचने लगे.
यहां नदी का पानी इतना साफ है कि आप देखकर हैरान हो जाएंगे. नदी में कई फीट नीचे पड़े हुए पत्थर भी एकदम साफ नजर आते हैं. इसे दुनिया की सबसे साफ नदी में गिना जाता है.