ये है वो डॉक्यूमेंट जिसमें सरनेम लिखना होता है बेहद जरूरी, जानें इसकी वजह
नाम किसी व्यक्ति की पहचान का मुख्य साधन होता है, लेकिन जब एक जैसे नाम वाले कई लोग होते हैं, तो पहचान उनके सरनेम से होती है.
भारत में ज्यादातर ऑफिसियल डाक्यूमेंट्स में नाम के साथ सरनेम देने का ऑप्शन होता है, लेकिन कुछ डाक्यूमेंट्स में ये अनिवार्य होता है.
विशेष रूप से बैंक में अगर आपके नाम में कोई गलती हुई तो परेशानी हो सकती है.
अगर आपके वैलिड डॉक्यूमेंट में सरनेम है, तो आपको बैंक खाते में भी सरनेम देना जरूरी होता है. वहीं अगर डॉक्यूमेंट में सरनेम नहीं है, तो बैंक में इसकी जरुरत नहीं होती.
पासपोर्ट बनवाने के लिए भी सरनेम देना बेहद जरूरी होता है. कई देशों में अगर पासपोर्ट पर सरनेम नहीं है, तो वीजा जारी नहीं किया जाता.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी अपने नियमों में बदलाव करते हुए यात्री के पासपोर्ट पर फर्स्ट और सेकेंड नेम अनिवार्य कर दिया था.
भारत सरकार ने भी इसे अनिवार्य किया है और वीजा के लिए सरनेम की जरुरत होती है.
इसके अलावा बर्थ सर्टिफिकेट, लीगल डाक्यूमेंट्स और निवेश से जुड़े डाक्यूमेंट्स पर भी सरनेम होना चाहिए.
सरनेम व्यक्ति की पहचान को साफ और स्पेसिफिक बनाता है, जिससे किसी भी विवाद या पहचान में Confusion की स्थिति नहीं होती.