ये है वो पहला शहर, जहां डेढ़ लाख पक्षियों के होंगे फ्लैट, जानिए खासियत
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी जिसे धार्मिक नगरी नाम से जाना जाता है. यहा दान पुण्य के साथ जीव-जंतुओ व पशु-पक्षी की सेवा भी की जाती है.
पेड़ों की कटाई और हवा-आंधी से पेड़ों के गिरने से पंछियों के रहने की जगह खत्म होने पर उज्जैन सिंधी समाज की ओर से एक नई पहली शहर मे देखने को मिल रही है.
ये पक्षियों का नया आशियाना पूरे शहर मे चर्चा का विषय बना हुआ है.
बसंत विहार पार्क के बाद अब उज्जैन-सांवेर रोड पर वार्ड 47 में मुनिनगर तालाब के समीप करीब 52 फीट ऊंचा नया पक्षी घर बनाया गया है.
इसमें एक साथ 3000 से ज्यादा पक्षी रह सकेंगे. इसी में उनके लिए दाना-पानी आदि का इंतजाम भी रहेगा.
इस पक्षी के आशियाने की कीमत की बात करे तो करीब 7.50 लाख रुपए का खर्च आया है. जिसका पूरा खर्चा उज्जैन के सिंधी ने किया है.
इसके साथ ही अब उज्जैन में कुल चार पक्षी घर हो गए हैं. सिंधी समाज के इस निर्णय के तहत अब 46 पक्षी घर और बनाए जाएंगे. इससे उज्जैन में पक्षी घरों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी.
गोपाल बलवानी ने बताया मुनिनगर में पक्षी घर बनकर तैयार हो गया है.
इसका विधिवत शुभारंभ कर संचालन शुरू कर दिया जाएगा. जिससे हज़ारो पक्षियों को नया घर मिलेगा. इसी घर मे पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था भी रहेगी.