ये है दुनिया की वो जगह, जहां पर सिर्फ 2 मिनट नहाते हैं लोग, जानें क्यों
धरती पर एक महाद्वीप ऐसा भी है, जहां जाना तो हर कोई चाहता है, लेकिन वहां पहुंचना सबके वश की बात नहीं है. हम बात कर रहे हैं अंटार्कटिका महाद्वीप की.
ये धरती पर मौजूद सभी सात महाद्वीपों में सबसे ठंडा है. इसका 98 फीसदी हिस्सा 12 महीने बर्फ की मोटी चादर से ढका रहता है.
अंटार्कटिका में वैसे तो आबादी न के बराबर है. यानी कोई स्थायी मानव आबादी नहीं है.
जब गर्मियां होती हैं तो अंटार्कटिका की जनसंख्या लगभग 5,000 होती है. लेकिन सर्दियों के दौरान यह घटकर 1000 तक रह जाती है.
ये वो लोग हैं जो यहां अलग-अलग देशों से स्टडी करने आते हैं. इसीलिए अंटार्कटिका में लोगों का आना-जाना लगा रहता है. पूरे साल यहां मानव की मौजूदगी रहती है.
अंटार्कटिका के साउथ शेटलेंड द्वीप में मौजूद अनुसंधान केंद्रों में शोध करने के लिए अलग-अलग देशों से शोधकर्ता आते हैं. इनके लिए यहां पर नहाना एक बड़ी चुनौती है.
दक्षिण ध्रुव स्टेशन पर गर्मियों में रहने वाले निवासियों को दो मिनट ही नहाने को मिलता है. वो भी हफ्ते में दो बार. यानी बहुत ज्यादा पानी इस्तेमाल नहीं कर सकते.
नहाते समय गर्म पानी और ठंडा पानी तब तक चालू करते हैं जब तक कि तापमान उनके मन मुताबिक न हो जाए और फिर शॉवर में चले जाते हैं.
पानी के लिए पहले बर्फ को इकट्ठा किया जाता है. फिर उसे बड़े टैंकों में पिघलाते हैं और फिर पानी को सामान्य जल प्रणालियों में पंप किया जाता है.
कई मेहमान नहाने के लिए वेट वाइप्स जैसे पहले से गीले तौलिये लाते हैं. फिर उससे शरीर को अच्छी तरह से पोंछ लेते हैं.