ये है वो टेलीफोन जिसने ली थी लाखों लोगों की जान, 2 करोड़ रुपये है इसकी कीमत
यह टेलीफोन हिटलर का था, जो नाजी जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर के कार्यालय में उपयोग होता था.
यह फोन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर और उसके अधिकारियों के बीच संवाद का अहम हिस्सा था.
इसे 'मौत का फोन' भी कहा जाता है, क्योंकि इससे युद्ध की रणनीतियों के अलावा, हिटलर ने कई निर्दोष लोगों के नरसंहार के आदेश भी दिए थे.
यह फोन न केवल युद्ध, बल्कि नाजी पार्टी द्वारा यहूदियों, पोलिश नागरिकों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ किए गए अत्याचारों की याद दिलाता है.
इस फोन का इतिहास बहुत ही डरावना है, क्योंकि यह उस समय की कड़ी थी जब लाखों लोगों की जान गई.
हिटलर ने इस फोन के जरिए नाजी अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण योजनाओं और अपराधों के बारे में बातें की थीं.
हालांकि यह फोन नफरत और हिंसा का प्रतीक बन चुका है, फिर भी इसे एक नीलामी में 2 करोड़ 3 लाख रुपये से अधिक की कीमत में बेचा गया.
इसकी इतनी ऊंची कीमत होने का कारण इसके ऐतिहासिक महत्व और इसकी कड़ी से जुड़ी भयावह घटनाओं का होना है.
यह फोन आज भी उस खौ़फनाक दौर की याद दिलाता है, जब पूरी दुनिया में नाजी सत्ता का आतंक था. यह एक शापित वस्तु बन चुका है, जो इतिहास के एक काले पन्ने की निशानी है.