इस मंदिर में हैं 3000 अप्सराओं की मूर्तियां, UNESCO लिस्ट में है शामिल, जानें नाम

कम्बोडिया में एक ऐसा मंदिर मौजूद है जो केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है.

इस मंदिर को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है.

यह मंदिर परिसर न सिर्फ कम्बोडिया का गौरव है बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास प्रेमियों और श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण है.

इस मंदिर को अंगकोर वाट के नाम से जाना जाता है जिसका निर्माण 1113 से 1150 ईस्वी के बीच खमेर साम्राज्य के राजा सूर्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल में हुआ था.

यह मंदिर शुरू में भगवान विष्णु को समर्पित था, लेकिन बाद में बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ इसे बौद्ध स्थल के रूप में भी मान्यता मिली.

अंगकोर वाट की सबसे खास बात यहां मौजूद अप्सराओं की मूर्तियां हैं. इस मंदिर के दीवारों पर लगभग 3000 से अधिक अप्सराओं की नक्काशी की गई है.

इन मूर्तियों की विशेषता यह है कि प्रत्येक अप्सरा का चेहरा, श्रृंगार और मुद्रा अलग-अलग है. ऐसा प्रतीत होता है जैसे हर मूर्ति किसी न किसी कहानी को व्यक्त कर रही हो.

इन अप्सराओं की कला और कारीगरी इतनी जीवंत है कि ये सदियों बाद भी मानो जीवित सी प्रतीत होती हैं.

अंगकोर वाट न केवल धार्मिक महत्व का स्थल है बल्कि यह कम्बोडिया के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है.

हर साल यहां लाखों पर्यटक आते हैं, जो इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व से प्रभावित होते हैं.

अंगकोर वाट कम्बोडिया की राष्ट्रीय पहचान का एक हिस्सा है और इसके चित्र को कम्बोडिया के राष्ट्रीय ध्वज में भी देखा जा सकता है.