इस बार गणतंत्र दिवस 2025 पर देखने को मिली इन राज्यों की शानदार झांकियां

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस समारोह की अध्यक्षता की और राष्ट्रीय ध्वज फहराकर ऐतिहासिक दिन को मनाने में राष्ट्र का नेतृत्व किया. इस वर्ष के समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भी उनके साथ थे.

परेड से पहले राष्ट्रगान के बीच राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, जिसके बाद स्वदेशी 105-एमएम लाइट फील्ड गन का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी दी गई.

इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर ध्यान केंद्रित किया गया और “जन भागीदारी” पर जोर दिया गया.

परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा शहनाई, नादस्वरम, मशक बीन, बांसुरी, शंख, तुतारी और ढोल जैसे देश भर के पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों का मिश्रण बजाते हुए “सारे जहां से अच्छा” बजाने से हुई.

साथ ही 129 हेलीकॉप्टर यूनिट के एमआई-17 1वी हेलीकॉप्टर कार्यक्रम के समापन पर ध्वज फॉर्मेशन में फूलों की पंखुड़ियों की एक लुभावनी वर्षा की. राष्ट्रीय ध्वज के प्रतीक इस स्वरूप का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन आलोक अहलावत किया.

परेड में थर्ड जेनेरेशन मेन बैटल टैंक टी-90 का प्रदर्शन किया गया.

देश भर की सीमाओं को रखवाली करने वाला बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के ऊंट दस्ता परेड में शामिल हुआ.

कर्तव्य पथ पर सबसे पहली झांकी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की रही. झांकी में संविधान की प्रस्तावना को प्रदर्शित किया गया.

पंजाब की ओर से आई झांकी में बाबा सूफी शेख फरीद का चित्रण किया गया. साथ ही गुरू ग्रंथ साहिब को भी दिखाया गया.

इस बार उत्तर प्रदेश की झांकी का थीम महाकुंभ रहा, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक राज्य में चलने वाले महाआयोजन को दर्शा रहा था.

76वें गणतंत्र दिवस परेड में लगभग 7-8 सालों बाद बिहार की झांकी दिखी. बिहार ने झांकि में बुद्ध के माध्मय से शांति का थीम रखा.