इस जगह 1,00,000 साल के लिए बंद हुई ये सुरंग, जानें क्यों उठाया गया ये कदम
फिनलैंड ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसमें उसने अपनी भूमिगत (underground) सुरंग को 100,000 सालों के लिए बंद करने का निर्णय लिया है.
यह सुरंग फिनलैंड के पश्चिमी तट पर यूराजोकी में स्थित है और इसे खास तौर पर इस्तेमाल किए गए न्यूक्लियर फ्यूल के भंडारण के लिए तैयार किया गया है.
इस फैसले के तहत, लगभग 4,000 पीढ़ियों तक इंसान इस स्थान पर नहीं पहुंच पाएंगे.
यह सुरंग दुनिया की पहली ऐसी साइट होगी, जो प्रयुक्त न्यूक्लियर फ्यूल को 100,000 साल तक सुरक्षित रूप से स्टोर करेगी.
फिनलैंड का यह प्रोजेक्ट 2025 में आधिकारिक रूप से शुरू होगा और उसके बाद यह सुरंग इंसानों के लिए बंद हो जाएगी. इस परियोजना पर लगभग 860 मिलियन पाउंड (9000 करोड़ रुपये) की लागत आई है.
इस फैसले के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि परमाणु ऊर्जा से उत्पन्न होने वाला रेडियोधर्मी कचरा काफी खतरनाक होता है और उसे लंबे समय तक सुरक्षित तरीके से दफनाने की जरुरत होती है.
ओन कालो नामक यह साइट पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित हो गई है. ओन कालो भूमिगत साइट 1,480 फीट की गहराई पर स्थित है और इसका मकसद रेडियोधर्मी कचरे को सुरक्षित स्थान पर संग्रहित करना है.
यह न्यूक्लियर फ्यूल भंडारण सुविधा ओलकिलु ओटो न्यूक्लियर एनर्जी पॉवर प्लांट के पास स्थित है. इस फैसिलिटी को बंद करने से पहले कुछ सौभाग्यशाली लोग इसका दौरा कर चुके हैं.
वहीं बीबीसी की पत्रकार एरिका बेनके ने अपनी यात्रा का वर्णन करते हुए कहा कि, '100,000 सालों तक रेडियोधर्मी कचरे को दफनाने का विचार मुझे परेशान करता है.'
उनका कहना था कि इस अंधेरी सुरंग में अकेले खड़े होकर उन्हें यह एहसास हुआ कि यह जगह एक ऐसी साइट है, जहां 2025 के बाद कोई इंसान कदम नहीं रखेगा.
यह कदम फिनलैंड की ओर से दुनिया को एक संदेश है कि रेडियोधर्मी कचरे के निपटान के लिए ऐसे सुरक्षित उपायों की आवश्यकता है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरनाक न हों.