ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है. उनके साथ ईरान के विदेश मंत्री अमीर-अब्बुल्लाहियन समेत कई लोग मारे गए हैं.
घटना रविवार को हुई लेकिन जिस इलाके में हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वहां से उसे खोजना मुश्किल था. मौसम भी खराब था. इसलिए ईरान ने तुर्की और यूरोप से मदद मांगी.
वहीं यूरोप ने तत्काल Copernicus EMS रैपिड रेसपॉन्स सैटेलाइट को एक्टिव कर दिया. ताकि ईरान के उस इलाके की मैपिंग की जा सकें, जहां पर हेलिकॉप्टर क्रैश क्रैश होने की आशंका थी.
दूसरी तरह तुर्की ने ईरान के राष्ट्रपति की खोज में बेरक्तार अकिंसी ड्रोन (Bayraktar Akinci) को आसमान में उड़ा दिया.
बेरक्तार अकिंसी ड्रोन टैक्टिकल और स्ट्रैटेजिक ने खराब मौसम के बावजूद क्रैश हुए हेलिकॉप्टर को खोजा है. यह किसी भी तरह के SAR ऑपरेशन करने में सक्षम है.
इस ड्रोन में ऐसे हीट सेंसर्स लगे हैं जो किसी भी मौसम में कहीं से निकलने वाली गर्मी से पता कर सकते हैं
ये वही ड्रोन है जिसे तुर्की ने पाकिस्तान को दिया था. बेरक्तार अंकिसी ड्रोन 1350 kg वजन के हथियार उठा सकता है.
यह एक अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल है. यानी यह युद्ध लड़ने में सक्षम मानवरहित ड्रोन. बेरक्तार अकिंसी को तुर्की की बेकार (Baykar) कंपनी ने बनाया है.
इसकी पहली उड़ान साल 6 दिसंबर 2019 में हुई थी. तब से लेकर अब तक इसके 23 से ज्यादा ड्रोन्स बनाए जा चुके हैं.
इस ड्रोन के पास 5.5 टन से ज्यादा का टेकऑफ वेट है. यह दो टर्बोपॉप इंजन से लैस है, जो इसे 750 एचपी तक की ताकत देते हैं.
इस ड्रोन के अंदर 400 किलोग्राम और बाहर 950 किलोग्राम वजन के हथियार लग सकते हैं.