झीलों की नगरी में लगता है दुनिया का सबसे अनूठा मेला, जानिए- यहां सिर्फ महिलाओं को क्यों मिलता है प्रवेश?

उदयपुर में हरियाली अमावस्या का मेल विश्व के अनूठे मेलों में शुमार है

इस मेले की खास बात यह है कि दो दिवसीय मेले का दूसरा दिन केवल महिलाओं यानी सहेलियों के लिए रिजर्व है.

सवा सौ सालों से चली आ रही यह परम्परा कायम है

इस मेले की शुरूआत तात्कालिक महाराणा फतेह सिंह के कार्यकाल के दौरान सन 1898 में हुई थी

महाराणा फतहसिंह ने दुनिया में पहली बार महिलाओं को अकेले मेले का आनंद उठाने का अधिकार दिया था

इसके लिए उन्होंने फतहसागर झील जिसे पहले देवाली तालाब कहा जाता था,

उस पर पाल बनवाई और वहां महिलाओं का मेला आयोजित किया, तब से यह परंपरा चली आ रही है

पहली बार जब महाराणा फतहसिंह मेवाड़ की महारानी और अपनी पत्नी चावड़ी रानी के साथ देवाली तालाब पर घूमने गए

तब महारानी ने उनसे महिलाओं के लिए मेला आयोजित किए जाने की मांग की थी, जिसे उन्होंने मान लिया

उन्होंने मेले का दूसरा दिन केवल महिलाओं यानी सखियों के लिए किए जाने की घोषणा कर दी थी