ब्रिटेन को Mother of Parliament कहा जाता है. भारत की संसदीय प्रणाली भी ब्रिटेन से ही ली गई है. 

ब्रिटेन में पहले आम चुनाव 1708 में हुए थे, लेकिन आज हो रहे चुनाव उस चुनाव से काफी अलग हैं. 

ब्रिटेन में एक दौर ऐसा भी था जब प्रधानमंत्री शब्द को अपमान समझा जाता था. 

ऐसे चौंकाने वाले किस्से भी हैं, जिनमें राजनीतिक रैलियों में लोग नेताओं के ऊपर कुत्ते-बिल्लियों को फेंक दिया करते थे

जानकारी के मुताबिक 1832 के द ग्रेट रिफॉर्म से पहले देश की महज 16 फीसद आबादी के पास ही वोटिंग देने का अधिकार था. 

क्योंकि वोट करने के लिए अलग-अलग नगरों में अलग-अलग नियम थे. जिसमें 40 शिलिंग की जमीन होना, अपना खुद का घर होना, “फ्रीमैन” का दर्जा होना जैसे कई नियम शामिल थे. 

दरअसल 1714 में रानी ऐनी का उत्तराधिकारी किंग जॉर्ज को चुना गया. किंग जॉर्ज रानी के सबसे करीबी रिश्तेदार थे, लेकिन वे जर्मन थे. किंग जॉर्ज को इंग्लिश नहीं आती थी. 

इस दौरान व्हिग राजनेता रॉबर्ट वालपोल ने सत्ता में आने के लिए इस मौके का फायदा उठाया. उन्हें 1721 तक ट्रेजरी का पहला लॉर्ड, राजकोष का चांसलर और हाउस ऑफ कॉमन्स का नेता नियुक्त किया गया. 

हालांकि, उस समय प्रधानमंत्री नाम का कोई पद नहीं होता था. लेकिन पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में रॉबर्ट वालपोल का ही नाम लिया जाता है.

इसके अलावा जब ब्रिटेन में पहली बार प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल हुआ था, तब इसको गाली और अपमान समझा जाता था. क्योंकि कोई व्यक्ति गलत तरीके से दूसरे से आगे आ गया या शाही परिवार का चापलूस और प्रिय है.

ये कुछ वैसा ही अपमान समझा जाता था जैसे क्लास में किसी छात्र के नंबर ज्यादा आने पर उसे टीचर का प्रिय कहना.