भारत में ऐसे कई चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर हैं, जहां के रीति-रिवाजों को जानकर कोई भी हैरान हो सकता हैं.

ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आज हम बात करेंगे, हिंदू हो या मुस्लिम दोनों धर्म के लोग मत्था टेकने के लिए आते हैं.

इस मंदिर में हिन्दू के साथ मुस्लिम पुजारी पूजा अर्चना करते हैं. इस मंदिर में धर्म की कोई भी बंदिश नहीं है यहां पर सभी लोग जाते हैं.

दरअसल, यह मंदिर (Rajasthan) सीकर जिले के पचार गांव में मौजूद है. यहां पर देवता रामदेव जी महाराज की पूजा की जाती है.

इस मंदिर का निर्माण 1932 में किया गया था. यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका निर्माण मजदूरों ने चंदे के पैसे से कराया था.

यह मंदिर सामूहिक एकता का भी प्रतीक है क्योंकि यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों एक साथ पूजा अर्चना करते हैं.

जानकारी के अनुसार यह मंदिर उस समय क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर था. लोक देवता रामदेव जी महाराज के अधिकांश मंदिरों में कामड़ समाज के पुजारी होते हैं.

आपको बता दें रामदेव जी महाराज कामड़ो के आराध्य देव हैं. इस मंदिर में गढ़वाल समाज के पुजारी कई दशकों से बाबा रामदेव की पूजा करते हैं.

अधिकांश अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लोग बाबा रामदेव की पूजा करते हैं. इसके साथ ही मुस्लिम वर्ग भी बाबा रामदेव के इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं.

इस मंदिर की यह विशेषता है कि जब भी किसी भक्त की कोई मनोकामना पूर्ण होती है तो वह यहां आकर कपड़े का घोड़ा मंदिर में भेंट करता है.

जानकारी के अनुसार गांव के लोग अपने रोजगार में से 2 से 10% की बचत कर मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं साथ ही इन पैसों से मंदिर की मरम्मत की जाती है.