अधिकांश अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लोग बाबा रामदेव की पूजा करते हैं. इसके साथ ही मुस्लिम वर्ग भी बाबा रामदेव के इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं.
इस मंदिर की यह विशेषता है कि जब भी किसी भक्त की कोई मनोकामना पूर्ण होती है तो वह यहां आकर कपड़े का घोड़ा मंदिर में भेंट करता है.
जानकारी के अनुसार गांव के लोग अपने रोजगार में से 2 से 10% की बचत कर मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं साथ ही इन पैसों से मंदिर की मरम्मत की जाती है.