अब इजरायल ने आरोप लगाया है कि इस आतंकी हमले में संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNRWA के 190 कर्मचारी शामिल थे.
इन आतंकवादियों का हमास और इस्लामिक जिहाद जैसे आतंकी संगठनों से नाता रहा है.
इनमें से कुछ लोग अध्यापक जैसे पेशे में हैं, लेकिन इसके बाद भी उनका आतंकी संगठनों से गहरा ताल्लुक है.
इन लोगों ने इजरायलियों के कत्ल और उनकी किडनैपिंग में भी अहम भूमिका निभाई थी.
इजरायल के आरोपों के बाद ही अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के 9 बड़े देशों ने युनाइटेन नेशंस रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी की फंडिंग ही रोक दी है.
इजरायल की ओर से दिए गए 6 पेज के डोजिएर में ऐसे 6 यूएन कर्मचारियों के बारे में बताया गया है, जो आतंकवादी के तौर पर भी काम कर रहे हैं.
हालांकि अब तक इस डोजिएर की कॉपी यूएन को नहीं मिली है। यूएन के प्रवक्ता स्टीफेन डुजैरिक ने इस बात की जानकारी दी है.
वहीं फिलिस्तीन ने आरोप लगाया है कि इजरायल गलत जानकारी दे रहा है ताकि UNRWA की छवि को खराब किया जा सके.
फिलहाल UNRWA का कहना है कि उसने कुछ कर्मचारियों को हटा दिया है और वह आरोपों की जांच कर रही है.
इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल कात्ज का कहना है कि UNRWA के हेड फिलिप लज्जारिनी को जाना होगा.
उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायलियों के नरसंहार में UNRWA के कर्मचारी भी शामिल थे. यह बेहद गंभीर मसला है.उन्होंने कहा कि इस मामले के दोषियों पर ऐक्शन हो और एजेंसी के हेड पद छोड़ दें.