ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पाकिस्तान दौरे पर हैं जहां दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई है.

दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर 8 समझौते हुए और एक समझौता ज्ञापन साइन हुआ जिस पर अमेरिका भड़क गया है. 

समझौते में पशु चिकित्सा और पशु स्वास्थ्य में सहयोग, नागरिक मामलों में न्यायिक सहायता और सुरक्षा मामले शामिल हैं.

अमेरिका ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान के साथ समझौते कर पाकिस्तान प्रतिबंधों को न्योता दे रहा है. 

अमेरिका ने कहा है कि वो ईरान के साथ व्यापार समझौतों पर विचार करते हुए उसके प्रसार नेटवर्क में बाधा डालना और उसके खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेगा. 

अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम के लिए टेक्निकल सप्लाई कर रहे बेलारूस की एक कंपनी और चीन की तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. 

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख डिप्टी प्रवक्ती वेदांत पटेल ने कहा, 'हम प्रसार नेटवर्क और बड़े पैमाने पर विनाशकारी हथियारों की खरीद को रोकने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेंगे, चाहे वो कोई भी हो'. 

पटेल ने कहा कि-'हम ईरान के साथ व्यापारिक समझौते के बारे में सोचने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधों के संभावित खतरे को लेकर जागरुक रहने की सलाह देते हैं'. 

पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम को रोकने के पीछे के कारणों पर पटेल ने कहा, 'प्रतिबंध इसलिए लगाए गए क्योंकि ये ऐसी कंपनियां थीं जो सामूहिक विनाश के हथियारों को दुनियाभर में फैलाने का साधन थीं'. 

पटेल ने कहा कि-ये बेलारूस में, चीन में स्थित कंपनियां थीं और हमने देखा है कि उन्होंने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण और बाकी वस्तुओं की सप्लाई की थी.'

जिन तीन चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें शीआन लॉन्गडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड, तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड और ग्रैनपेक्ट कंपनी लिमिटेड शामिल हैं.