Gaza में हमले के लिए AI का इस्तेमाल, कैसे टेक्नोलॉजी पड़ रही Hamas पर भारी?
गाजा पट्टी में इजरायल और फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के बीच 6 दिनों के सीजफायर खत्म होने के बाद फिर से हमले शुरू हो गए हैं.
दावा किया जा रहा है कि गाजा में हुए इजरायली हवाई हमलों में ही अब तक 14 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
चरमबंदी संगठन को खत्म करने के लिए 7 अक्टूबर को इजरायल में घुसकर हमास के क्रूर हमले के बाद इजरायल ने पूरे गाजा पट्टी क्षेत्र से आतंकवाद के खात्मे की कसम खाई है.
इसरायल इस हमले के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के खास टूल्स का इस्तेमाल कर रहा है.
इनका नाम है गॉस्पेल अलकेमिस्ट और डेप्थ ऑफ विजडम. ये सिस्टम खास तौर पर तैयार किए गए हैं जो टारगेट को लॉक कर खत्म करने के लिए गाइडेड कमान से लैस हैं.
2021 में इजरायल ने गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ अपने जवाबी कार्रवाई में 'ऑपरेशन गार्डियंस ऑफ द वॉल' शुरू किया था.
'गॉस्पेल' जैसे सिस्टम का इस्तेमाल ऑटोमेटेड टूल्स को तेज रफ्तार से टारगेट को हिट करने के लिए किया जाता है.
'गॉस्पेल' आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अपडेटेड इंटेलिजेंस के रैपिड ऑटोमेटेड एक्सट्रैक्शन से रिसर्चर के लिए एक रिकॉमेंडेशन तैयार करता है.
27 दिनों की लड़ाई में 12000 से ज्यादा टारगेट को हिट किया गया. यानी एक दिन में करीब 444 टारगेट हिट हुए.