लंदन का वो रेस्टोरेंट जहां नेहरू से इंदिरा तक ने खाया था खाना, अब हो रहा है बंद
पिछले 100 सालों से लंदन में भारतीय खाने को एक नई ब्रांडिंग के साथ पेश करने वाला रेस्टोरेंट वीरास्वामी के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. लंदन के पिकैडिली सर्कस के पास स्थित वीरास्वामी रेस्टोरेंट बंद होने के कगार पर है.
साथ ही लंदन में भारतीय खाने की सदियों पुरानी विरासत भी आखिरी दौर में पहुंच रही है. आइये समझते हैं रेस्टोरेंट वीरास्वामी का इतिहास क्या है और आखिर इस पर संकट के बादल क्यों मंडरा रहे हैं.
यह वही रेस्टोरेंट है, जो उस दिन खोला गया था जिस दिन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म हुआ था. यानी अप्रैल 1926. लोग इसके बारे में बताते हैं करीब सौ साल पुरानी इस जगह ने इतिहास को अपनी आंखों से बदलते देखा है.
लेकिन अब खबर ये है कि जिस इमारत में ये रेस्टोरेंट है, उसे 'क्राउन एस्टेट' कहा जाता है, और वहां के ऑफिस रिसेप्शन एरिया को बड़ा करने की योजना बनाई गई है.
इसी के चलते रेस्टोरेंट की जगह की जरूरत बताई जा रही है. इसका नतीजा ये है कि ऐतिहासिक रेस्टोरेंट बंद होने की कगार पर आ खड़ा हुआ है. ये खबर उन लोगों के लिए सदमे से कम नहीं है जो यहां बरसों से आते हैं.
रेस्टोरेंट के सह-मालिक रंजीत माथरानी इस फैसले के खिलाफ अब अदालत का रुख कर चुके हैं. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक रेस्टोरेंट नहीं, बल्कि एक जिंदा इतिहास है और शाही परिवार भी अगर जानता कि उनके नाम पर ऐसी 'बेरहमी' की जा रही है, तो वे भी दुखी होते.
इस रेस्टोरेंट की नींव एडवर्ड पामर ने रखी थी. वो भारत के पहले गवर्नर जनरल के निजी सचिव के परपोते थे और उनकी मां एक मुगल राजकुमारी थीं.
उनका मकसद था—लंदन के लोगों को असली भारतीय खाने से रूबरू कराना था. वो भी उस दौर में जब 'सेलिब्रिटी शेफट जैसा कोई चलन नहीं था.
साल 1934 में यह रेस्टोरेंट ब्रिटिश सांसद सर विलियम स्टीवर्ड के हाथों में गया, जिन्होंने इसे ऐसा मुकाम दिया कि यह रॉयल्टी और ब्रिटिश एलीट्स का पसंदीदा ठिकाना बन गया.
देश-विदेश की नामचीन हस्तियां यहां दस्तक दे चुकी हैं-जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से लेकर चार्ली चैपलिन, मार्लन ब्रैंडो, शेरोन स्टोन और डेविड कैमरन तक. ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल भी यहां के मेहमान रह चुके हैं.
यहां के मेन्यू में आज भी इतिहास की खुशबू मौजूद है. जैसे पटियाला शाही रान एन क्रूट. छह घंटे तक धीमी आंच पर पकाया गया वेल्श लैम्ब शैंक, जिसे बाद में तंदूर में बेक किया जाता है.