कलियुग नहीं द्वापर में हैं हम, जग्गी वसुदेव ने क्यों किया दावा
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव का कहना है कि मौजूदा समय में हम जिस युग में जी रहे हैं वह कलयुग नहीं है.
यह समय द्वापरयुग है. द्वापरयुग भी 2083 में पूरा हो जाएगा और हम सभी त्रेतायुग में पहुंच जाएंगे. उन्होंने इसके पीछे का तथ्य भी समझाया है.
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने राम राज की कल्पना पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने मौजूदा समय में हो रहे बदलावों और विकास कार्यों पर भी बात की.
उन्होंने गांव से लेकर शहर तक के लोगों के चेहरे पर मौजूद खुशी की भी बात की.
सद्गुरु ने कार्यक्रम में राम राज की कल्पना पर बात करते हुए कहा कि सबसे पहले यह जानना बहुत ही जरूरी है कि हम अभी कलयुग में नहीं जी रहे हैं.
कलयुग की बातें इसलिए बार-बार होती हैं क्योंकि कुरुक्षेत्र के युद्ध में कृष्ण ने कलयुग के बारे में कहा है, लेकिन ग्रह की स्थिति के अनुसार हर 72 वर्षों में प्लेनेट लगभग एक डिग्री बढ़ता है.
उन्होंने कहा कि यह 25 हजार 920 वर्षों का समयचक्र है. जो सतयुग से त्रेता, त्रेता से द्वापर और द्वापर से कलयुग तक पहुंचता है.
कलयुग और द्वापर एक साथ आए और 25 हजार 900 वर्ष का समयचक्र काफी पहले पूरा हो चुका है. 2083 में हम सभी पूरी तरह से द्वापर युग से त्रेता युग में आ जाएंगे.
इसका मतलब है कि हम पहले ही द्वापरयुग के 2522 वर्ष पूरे कर चुके हैं और इसकी कुल अवधि 2592 वर्ष है. इसलिए 70 साल बाद 2082 में हम द्वापरयुग को पूरा कर त्रेतायुग में पहुंच जाएंगे.