रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों ने अपनाया योगी सरकार का ये फॉर्मूला
जिस तरह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपराधियों और माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए कार्रवाई कर रही है ठीक वहीं फॉर्मूला अब पश्चिमी देशों का यूनियन अपना रहा है.
दरअसल, 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर, यूरोपीय संघ के देशों ने सैकड़ों अरब यूरो की संपत्ति जब्त कर ली थी.
अब उन जब्त की हुई रूसी संपत्तियों से जो अप्रत्याशित लाभ पहुंचा है उससे यूक्रेन को हथियार देने पर सहमति बनी है.
यूरोपीय संघ के क्लियरिंगहाउस यूरोक्लियर ने खुलासा किया है कि इस साल के सिर्फ तीन महीनों में जमी हुई रूसी संपत्तियों से 1.6 बिलियन का ब्याज अर्जित किया.
हालाँकि क्लियरिंगहाउस यूरोक्लियर के सीईओ वैलेरी अर्बेन ने चेतावनी दी है कि इसकी वैश्विक वित्तीय बाजारों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
अगर अगले हफ्ते यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी मिल जाती है तो प्रति वर्ष 3 बिलियन तक का ब्याज यूक्रेन के लिए हथियार खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
यूरोक्लियर, दुनिया का सबसे बड़ा क्रॉस बॉर्डर सेटलमेंट प्रोवाइडर है जिसके पास लगभग 37 ट्रिलियन की संपत्ति है.
यूरोक्लियर ने लंबे समय से जब्त हुए रूसी फंडों को टैप करने की ब्रुसेल्स की योजना का विरोध किया है. इसके शेयरधारक को भी समर्थन हासिल हैं.
मानना है कि रूसी गतिविधि से जुड़ी आय को बराबर रखा जाना चाहिए और वितरित नहीं किया जाना चाहिए.