ब्रह्मांड के सामने हम इंसान क्या हैं? क्या है हमारी हैसियत ब्रह्मांड के सामने?
हम इंसान अक्सर अपनी उपलब्धियों पर घमंड करते हैं, छोटी-छोटी बातों पर अपनी हैसियत का बखान करने लगते हैं और खुद को ब्रह्मांड का केंद्र मानने लगते हैं.
लेकिन क्या हमने कभी यह सोचा है कि इस असीम ब्रह्मांड के सामने हमारी असली हैसियत क्या है? शायद नहीं.
जब आप जानेंगे कि ब्रह्मांड कितना विशाल है और उसमें हमारी धरती और हमारा अस्तित्व कितना छोटा है, तो आपका अहंकार चूर-चूर हो जाएगा.
हमारी धरती की आबादी लगभग 8 अरब है, और यह पूरी आबादी लॉस एंजेलेस जितने इलाके (1,300 वर्ग किमी) में समा सकती है.
धरती का व्यास लगभग 13,000 किमी है, जबकि चंद्रमा का व्यास 3,500 किमी है. धरती के अंदर चंद्रमा जैसे 50 उपग्रह समा सकते हैं.
हमारा सूरज धरती से 15 करोड़ किमी दूर है और इसका व्यास 14 लाख किमी है. सूरज के अंदर 13 लाख धरती समा सकती हैं.
सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह, बृहस्पति (जुपिटर), के अंदर धरती जैसी 1,300 धरतियां समा सकती हैं. लेकिन सूरज के अंदर जुपिटर जैसे 1,000 ग्रह समा सकते हैं.
हमारा सौरमंडल 287 अरब किमी के व्यास में फैला है, और इसमें 8 ग्रह, 5 बौने ग्रह, लाखों ऐस्टेरॉयड्स और करोड़ों उल्कापिंड हैं.
सूरज से नेपच्यून तक की दूरी लगभग 404 अरब किमी है, और इतने बड़े सौरमंडल में सूरज का आकार छोटा ही है.
सौरमंडल के बाहर और भी बड़े तारे हैं. जैसे, स्टीफनसन 2-18 तारा, जिसका व्यास 3 अरब किमी है. इसके अंदर सूरज जैसे 9 अरब 83 लाख तारे समा सकते हैं.
हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे, 1 लाख प्रकाशवर्ष के व्यास में फैली हुई है. यहां 400 अरब से ज्यादा तारे और ग्रह हैं. हमारी आकाशगंगा भी ब्रह्मांड के सामने कुछ नहीं है.
एंड्रोमेडा, जो हमारी आकाशगंगा से 2 गुना बड़ी है, में 1 खरब तारे हैं. उससे भी बड़ी गैलेक्सियां हैं, जैसे UGC 2885, जिसकी चौड़ाई 4 लाख 63 हजार प्रकाशवर्ष है.
ब्रह्मांड का ज्ञात विस्तार 93 अरब प्रकाशवर्ष है, और इसमें 2 खरब गैलेक्सियां हैं. इस विशाल ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी का, यहां तक कि सूरज का भी कोई अस्तित्व नहीं है.
क्या इतने विशाल ब्रह्मांड के सामने हमें अपने छोटे-से जीवन और अस्तित्व पर घमंड करना चाहिए? सोचिए, क्या आप सच में इतने खास हैं?