बर्फ की तरह ठंडा हो जाता है शरीर आमतौर पर इंसान के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है, लेकिन मौत होने के बाद ये 0.8 डिग्री सेल्सियस/घंटा की दर से ठंडा होने लगता है.
शरीर का अकड़ जाना मौत से कुछ घंटे बाद ही शरीर के हर एक अंग में अकड़न शुरू हो जाती है. विज्ञान के अनुसार, ऐसा Adenosine Triphosphate का स्तर तेजी से गिरने के कारण होता है.
मौत का 'दिल' पर क्या असर? दिल काम करना बंद कर देता है तो खून की पंपिंग भी बंद हो जाती है और इंसान के दिल के अंदर खून भरना शुरू हो जाता है. ऐसे में नसों और धमनियों में भी खून ही खून भर जाता है.
शरीर बदलने लगता है अपना रंग खून का बहना बंद होते ही शरीर में बदलाव का दौर शुरू हो जाता है. शरीर में दो रंग दिखने लगते हैं. शरीर का निचला हिस्सा एकदम स्थिर हो जाता है और ये पीले या सफेद रंग का होने लगता है.
मांसपेशियां कुछ घंटे रहती हैं जिंदा मौत के कुछ घंटे बाद तक इंसान की मांसपेशियां जिंदा रहती हैं. इसी वजह से कभी-कभी किसी के मरने के बाद भी शरीर में थोड़ी हरकत या इनका फड़कना देखा जा सकता है.
शरीर से आवाजों का आना मौत के बाद इंसान का शरीर अकड़ने लगता है तो इस वजह से तरह-तरह की आवाजें भी आती है. कई बार ये आवाजें डकार और फार्ट के तौर पर भी सामने आती हैं.
हड्डियां का छोड़ना सबसे आखिर में हमारे शरीर की हड्डियों का डिकॉम्पोजिशन होता है. मौत के 10-20 साल बाद शरीर की हड्डियां गलना शुरू होती हैं