16 अप्रैल को दुबई में भारी बारिश ने तबाही मचा दी. शहर में इतनी बारिश हुई जिसने  पूरे शहर में हाहाकार मचा दिया.

बारिश होने के पीछे कारण था क्लाउड सीडिंग. जिसके चलते बारिश हुई और फिर इतनी बारिश हुई जिसकी जरूरत भी नहीं थी.

वैज्ञानिकों का मानना यह है दुबई में करवाई गई क्लाउड सीडिंग में कुछ गड़बड़ी हो गई थी. जिसके चलते भयंकर बारिश हुई. 

यूएई के गल्फ स्टेट नेशनल सेंटर ऑफ मैट्रोलोजी ने इस बात की जानकारी दी कि 15 और 16 अप्रैल को अल-ऐन एयरपोर्ट पर क्लाउड सीडिंग के लिए विमानों ने उड़ान भरी थी.

उनका कहना है कि दो दिनों में यह विमान सात बार उड़े थे. क्लाउड सीडिंग की इस प्रक्रिया में कहीं कोई चूक हुई. जिससे इतनी बारिश हुई.  

क्या होती है क्लाउड सीडिंग? क्लाउड सीडिंग बादलों से बारिश करवाने का एक तरीका होता है. क्योंकि बारिश करवाई जाती है. इसलिए इसे आर्टिफिशियल रेन कहा जाता है. 

यानी एक तरह से कहें तो बादलों से बारिश हो इसके लिए उसमें बीज दिए जाते हैं. इसे ही क्लाउड सीडिंग कहा जाता है. 

क्लाउड सीडिंग किसी भी मौसम में नहीं होती. तेज धूप हो रही हो कहीं भी बदल ना हो. ऐसे में कोई क्लाउड सीडिंग करना चाहें तो यह मुमकिन नहीं है.

इसके लिए आसमान में काम से कम 40% बादल होने जरूरी है जिनमें थोड़ा बहुत पानी भी हो.

अगर बादलों में पानी कम होगा और ह्यूमिडिटी नहीं होगी तो फिर बारिश नहीं हो पाएगी. लेकिन इस वक्त दुबई में साउदर्न जेट स्ट्रीम चल रही है. 

जिसके चलते क्लाउड सीडिंग सफल हो पाई. अगर ह्यूमिडिटी नहीं होगी तो बादलों से आती हुई पानी की बूंद जमीन पर गिरने से पहले ही भाप बन जाएगी.