क्या है हलाल डेटिंग? कट्टर इस्लामिक मुल्कों में भी है इसकी मान्यता
इस्लाम धर्म के सभी अनुयाई हलाल चीजों के सहारे ही जिंदगी बिताना पसंद करते हैं.
डेटिंग को भी इस्लाम में हराम माना गया है. लेकिन इन दिनों हलाल डेटिंग की बहुत चर्चा हो रही है.
दरअसल हलाल डेटिंग में जो डेटिंग शब्द है वह तो सामान्य डेटिंग के अनुरूप ही समझिए. बस इसमें दो लोगों के मिलने का तरीका थोड़ा अलग होता है.
नॉर्मल डेटिंग की तरह इसमें दो लोग मिलते हैं. बातचीत करते हैं. घूमते हैं, खाना भी खाने जाते हैं. बस इस दौरान वह एक दूसरे से फिजिकली दूर रहते हैं.
फिजिकली दूर रहने का मतलब है. जहां सामान डेटिंग में हाथ मिलाते हैं लोग, गले मिलते हैं. हलाल डेटिंग में ऐसा कुछ नहीं होता.
हलाल डेटिंग इस्लाम धर्म के बनाए गए नियम कायदों के अनुसार होती है. इसमें जब दो लोग मिलते हैं. तो मिलने से पहले दोनों लोगों को अपने परिवार वालों को इस बात की जानकारी देनी होती है.
हलाल डेटिंग सिर्फ कैजुअल डेटिंग नहीं होती. यह डेटिंग शादी के परपज से की जाती है. सामान्य डेटिंग में जहां लोगों को प्राइवेसी चाहिए होती है.
वहीं हलाल डेटिंग में ऐसा नहीं है. यहां पर कपल खुली जगह पर मिलते हैं. अगर होटल की किसी रूम में मिला जा रहा है. तो वहां कोई अन्य सदस्य होना जरूरी है.
इस डेटिंग में ऑनलाइन भी मिला जाता है. लेकिन तब भी वहां कोई बाहरी व्यक्ति मौजूद होता है.