यह स्थिति मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है. ये लत किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत, सामाजिक और प्रोफेशनल लाइफ पर बुरा प्रभाव डाल सकती है.
यौन क्रियाएं मनुष्य की जरूरत होती हैं, लेकिन जब ये मानसिक तौर पर बुरी तरह हावी होने लगे और दिमाग में इसके अलावा कुछ और न चले तो इसे ‘लत’ की श्रेणी में माना जाता है.
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की यौन इच्छाएं इतनी तीव्र होती है कि उसे पूरा करने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है. इसका प्रभाव उसके व्यक्तिगत और सामाजिक कार्य पर भी पड़ता है.
WHO सेक्स एडिक्शन को डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर्स (DSM-5) के अंतर्गत नहीं गिनता है. ये एक मेंटल हेल्थ कंडीशन है. इसे इंपल्सिव कंट्रोल डिसऑर्डर माना जाता है.
जानें इसके लक्षण सेक्स एडिक्शन होने पर व्यक्ति हर समय सिर्फ सेक्स के बारे में ही सोचता है. ऐसे लोग इसके गंभीर नतीजे जानने के बाद भी हमेशा किसी ना किस सेक्सुअल एक्टिविटी में लगे रहते हैं.
किसी भी लत की तरह सेक्स की लत भी व्यक्ति के दिमाग पर हावी हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट सेक्स को सेहत के लिए हेल्दी मानते हैं लेकिन जरूरत से ज्यादा ये शारीरिक और मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचाता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इसका इलाज करने और किसी भी गंभीर समस्या से बचने के लिए किसी हमेशा सिर्फ चिकित्सकीय एक्सपर्ट से मदद लेनी चाहिए.