जनरेशन जितनी तेजी से टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से रिश्तों के मायने को भी बदलती जा रही है. 

आज के जमाने के लड़के-लड़कियां सिचुएशनशिप, वन नाइट स्टैंड और फ्रेंड्स फॉर बेनिफिट्स जैसे टर्म्स पर रिश्ते बनाते हैं और लाइफ को जीते हैं.

युवाओं के बीच ऐसा ही एक ट्रेंड जो मॉडर्न डेटिंग की दुनिया में अक्सर देखा जाता है, वह है 'एवलांचिंग', जो कि हाल ही में चर्चा का विषय बन गया है. 

लेकिन रिश्तों में एवलांचिंग क्या है , इसके संकेत क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है आइए जानते हैं. 

एवलांचिंग एक डेटिंग ट्रेंड है जो वैलेंटाइन डे के आस-पास ज्यादातर देखा जाता है.  इसमें लोग डेटिंग के लिए उम्र जैसी ज़रूरी चीज़ों से समझौता करते हैं ताकि वे एक साथी बना सकें. 

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें किसी शख्स के उस शख्स से जुड़ने की संभावना बढ़ जाती है जो शायद उसके लिए बहुत मुनासिब न हो. 

रिश्तों में एवलांचिंग, एक मॉडर्न डेटिंग ट्रेंड्स, जरूरतों और सीमाओं से समझौता करने वाले बुरे व्यवहार को दर्शाती है, जो अक्सर डेटिंग ऐप्स से जुड़ी होती है.

इस डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने वालों को ऐसा लगता है कि रिलेशनशिप के मामले में उनका आत्मविश्वास मजबूत हुआ है. साथ ही सामने वाले से लगाव भी महसूस करते हैं. 

एक्सपर्ट का मानना है कि यह डेटिंग ऐप लोगों में मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है. हालांकि, कई लोग यह मानते हैं कि एवलांचिंग डेटिंग एक अच्छा विकल्प है.