समुद्रों के मिलन को क्या कहा जाता है? क्या आपको मालूम है, अगर नहीं तो जान लें
समुद्रों का मिलन भी संगम कहलाता है, जैसे नदियों का मिलन संगम के रूप में होता है.
भारत के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है, जिसे तीर्थराज संगम कहा जाता है. हालांकि, सरस्वती नदी अब विलुप्त हो चुकी है.
इसी तरह उत्तराखंड के देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदियों का मिलन होता है, जिससे गंगा नदी बनती है.
भारत में एक स्थान पचनद है, जो जालौन और इटावा की सीमा पर स्थित है.
यहां यमुना, चंबल, सिंध, कुंवारी और पहज नदियों का संगम होता है, जिसे महा तीर्थराज के नाम से जाना जाता है. इस स्थान पर हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
भारत में समुद्रों का संगम नहीं होता, लेकिन जहां समुद्रों का मिलन होता है, उसे भी संगम कहा जाता है.
संगम का अर्थ मिलन ही होता है, चाहे वह नदियों का हो या समुद्रों का.
इस प्रकार का संगम बहुत ही अनोखा होता है और प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है.